संवाददाता : सिद्धार्थ कुंवर जब इंसान को ज्यादा हर्ष,उल्लास या दुख और गम हो तो आंसू आना स्वाभाविक है।ऐसा माना जाता है कि अगर कोई इंसान दुख में रोता है तो आंसू के जरिए उसका आधा दुख खत्म हो जाता है और मन हल्का हो जाता है। यहां कीमत का तात्पर्य महत्वपूर्णता से है ना कि पैसे और रुपए से।

आंसू आपके लिए कैसे मददगार साबित हो सकता हैं?
शोधकर्ताओं के अनुसार,मानव आंसुओं में एक ऐसा पदार्थ होता है जो आक्रामकता को कम करने में मददगार होते हैं। शोधकर्ताओं का मानना है कि बच्चों को किसी भी नुकसान से बचने के लिए उसकी आंसू की बूंदे बड़ी काम आती हैं। शोध में पाया गया है कि महिलाओं के आंसू की बूंदे पुरुषों की आक्रामकता 40 फिसदी से अधिक कम कर देती है।
इजराइल में वीजमैन इंस्टिट्यूट ऑफ साइंस में न्यूरोबायोलॉजी के प्रोफेसर नोम सोबेल ने बताया कि आंसू से आक्रामकता में कमी आना एक प्रभावशाली शोध है। लैब में कुछ महिलाओं को भावनात्मक फिल्म दिखाई गई और उनके आंसुओं को शोध के लिए एकत्र किया। इसके बाद प्रयोग में 31 पुरुष को शामिल किया गया जिन्होंने महिलाओं के आंसुओं को सूंघा।जिसमे पाया गया की महिलाओं के आँसू सूंघने से पुरुषों के टेस्टोस्टेरोन हार्मोन में कमी आई थी लेकिन यह स्पष्ट नहीं था कि इससे व्यवहार प्रभावित हुआ या नहीं।