संवाददाता: कुमार विवेक, नमस्कार भारत
Israel-Hamas war: गाजा पट्टी के हमास नियंत्रित स्वास्थ्य मंत्रालय ने दावा किया है, कि सात अक्टूबर को शुरू हुई लड़ाई के बाद अभी तक 29 हजार से ज्यादा लोग मारे गये हैं और अगर इन आंकड़ों में सच्चाई है, तो युद्ध के इतिहास की ये एक और भयानक अंजाम साबित हो होगा ।
इजराइल और फिलीस्तीन के बीच जारी संघर्ष के कई दशक बीत गये हैं, लेकिन इससे पहले कभी भी इस स्तर की मौत नहीं देखी गई। वहीं, इजरायली प्रधान मंत्री बेंजामिन नेतन्याहू, हमास के खिलाफ “संपूर्ण जीत” मिलने तक आक्रमण जारी रखने की कसम खा चुके हैं और अमेरिका के प्रेशर के बाद भी उन्होंने युद्ध जारी रखने का फैसला किया है। जिससे यह संदेह बढ़ गई है, कि इजराइली सैनिक जल्द ही मिस्र की सीमा से सटे सबसे दक्षिणी शहर राफा में चले जाएंगे।
माना जा रहा है, कि बहुत जल्द राफा शहर से लोगों का पलायन शुरू हो गया और वो मिस्र में घुसना शुरू करेंगे। वहीं, बीबीसी की एक रिपोर्ट में कहा गया है, कि गाजा पट्टी से सटे रेगिस्तानी क्षेत्र में मिस्र अस्थाई निर्माण कर रहा है, ताकि शरणार्थियों को रखा जा सके। हालांकि, मिस्र ने इन दावों को खारिज कर दिया है।
29 हजार से ज्यादा हुई मौत
स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है, कि पिछले 24 घंटों में 107 शव अस्पतालों में लाए गए। इससे युद्ध की शुरुआत के बाद से, मरने वाले लोगों की कुल संख्या 29,092 हो गई है, जिनमें से लगभग दो-तिहाई महिलाएं और बच्चे हैं। युद्ध तब शुरू हुआ था, जब हमास के आतंकवादियों ने 7 अक्टूबर को गाजा से दक्षिणी इजराइल में हमला किया था, जिसमें लगभग 1,200 लोग मारे गए करीब 250 लोगों को बंधक बना लिया गया।
10000 से ज्यादा हमास के आतंकी मारे गए, इजरायल का दावा
वहीं, इजराइल ने दावा किया है, कि 7 अक्टूबर को हमास के खिलाफ शुरू हुए उसकी जवाबी कार्रवाई में अभी तक 10 हजार से ज्यादा हमास के आतंकवादी मारे गये हैं। हालांकि, इजराइल ने अपने दावों की पुष्टि के लिए कोई सबूत पेश नहीं किया है।
इजराइली सेना का कहना है, कि वह नागरिकों को नुकसान पहुंचाने से बचने की कोशिश करती है, लेकिन उसने ज्यादा नागरिकों की मौत के लिए हमास को ही जिम्मेदार ठहराया है और कहा है, कि हमास के आतंकवादी भारी नागरिकों की आबादी के बीच से हमले करती है और जवाबी कार्रवाई में आम नागरिक मारे जाते हैं।
इजराइली सेना का कहना है, कि अक्टूबर के अंत से जमीनी हमले की शुरुआत के बाद से उसके 236 सैनिक मारे गए हैं।
संयुक्त राष्ट्र के अधिकारियों के मुताबिक, अभी इस युद्ध के खत्म होने के कोई आसार नहीं मिल रहे हैं और गाजा पट्टी में रहने वाले करीब 23 लाख लोगों में से 80 प्रतिशत लोग अपने-अपने घरों से विस्थापित हो चुके हैं, जबकि करीब 25 प्रतिशत से ज्यादा ऐसे लोग हैं, जिनके पास अब खाने के लिए कुछ नहीं है और वो पूरी तरह से मदद पर निर्भर हो गये हैं।
लेकिन, इन सबके बीच इजराइल के रिटायर्ट जनरल बेनी गैंट्ज, जो प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के राजनीतिक विरोधी हैं, उन्होंने चेतावनी दी है, कि अगर रमजान शुरू होने से पहले इजराइली बंधकों को रिहा नहीं किया जाता है, तो फिर 10 मार्च के आसपास इजराइली सैनिक रफा में दाखिल हो जाएंगे। बेनी गैंट्ज फिलहाल इजराइल की तीन सदस्यीय युद्ध कैबिनेट के सदस्य हैं।
शरणार्थियों का कोई ठिकाना नहीं
इजराइल ने कहा है, कि वह रफा से फिलीस्तीनी नागरिकों को निकालने की योजना बना रहा है, लेकिन यह साफ नहीं है, कि नागरिक पूरी तरह से तबाह हो चुके गाजा पट्टी के बचे हुए क्षेत्र में कहां जाएंगे? मिस्र ने सीमा सील कर दी है और चेतावनी दी है, कि फिलिस्तीनियों के किसी भी बड़े पैमाने पर आवागमन से इजराइल के साथ उसकी दशकों पुरानी शांति संधि को खतरा हो सकता है।
लिहाजा, सबसे बड़ा सवाल ये है, कि अगर रफा में इजराइली सैनिक दाखिल होते हैं, तो फिर उस क्षेत्र के नागरिक शरण लेने के लिए कहां जाएंगे?
इससे पहले रविवार को, प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने गाजा पट्टी में युद्ध खत्म करने की अंतर्राष्ट्रीय अपील को खारिज कर दिया है और कहा है, कि जब तक हमास को पूरी तरह से खत्म नहीं कर दिया जाता है, तब तक गाजा पट्टी में युद्ध खत्म नहीं होगा। हमास ने युद्धविराम के लिए जो शर्तें रखीं थी, नेतन्याहू ने उन शर्तों को ‘भ्रम में रहना’ बताकर सिरे से खारिज कर दिया है, जिससे युद्धविराम की संभावनाएं भी खत्म हो गईं हैं।
दूसरी तरफ हमास भी आम लोगों को मरवा रहा है, लेकिन वो इजराइली बंधकों को रिहा करने के लिए तैयार नहीं है। जिससे सवाल उठ रहे हैं, कि आखिर हमास हजारों लोगों को क्यों मरवा रहा है और वो इजराइली बंधकों को क्यों रिहा नहीं कर रहा है?