संवाददाता: सिद्धार्थ कुंवर, नमस्कार भारत
7-day workshop: आज से श्री राम कॉलेज, मुजफ्फरनगर के ललित कला विभाग में 7 दिवसीय “एक कदम प्रकृति की ओर” कार्यशाला का आयोजन किया गया। जिसका मुख्य उद्देश्य मनुष्य और समाज को प्रकृति से जोड़ना और उसके करीब ले जाना है।। आपको बता दें कि श्री राम कॉलेज हमेशा से ही उपरोक्त उद्देश्य की प्राप्ति के लिए ड्राइंग, सेमिनार, डाक्यूमेंट्री फिल्म, नुक्कड़ नाटक और शिल्पकला के माध्यम अभियान चलाता रहा है।
7-day workshop: इसी कड़ी में ललित कला विभाग द्वारा 7 दिवसीय स्कल्पचर वर्कशॉप और डेमोंस्ट्रेशन का आयोजन किया गया है। इस 7 दिवसीय कार्यक्रम के संचालक उड़ीसा के प्रसिद्ध मूर्तिकार ऋषिकेष राणा और तथा विभाग के प्रवक्ता अजीत कुमार है। 7 दिवसीय कार्यशाला में स्कल्पचर बनाने के लिए वेस्ट रूट्स, वुडन, स्टील, आदि का प्रयोग करना सिखाया जा रहा है। स्कल्पचर मेकिंग कार्यशाला में विभाग के प्रवक्ता बढ़चढ़ कर प्रतिभाग कर रहे है।
इस अवसर पर श्री राम ग्रुप ऑफ कॉलेजेज के चेयरमैन डॉ एस सी कुलश्रेष्ठ ने कहा कि “प्रकृति मां के बराबर है। जिस तरह मां अपने बच्चों का पालन-पोषण करती है, ठीक उसी तरह प्रकृति भी मनुष्य का का पालन पोषण करती है। इसलिए प्रत्येक मनुष्य को प्रकृति से प्रेम करना चाहिए और उसकी सेवा करना हम सभी का धर्म होना चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रकृति है तो मनुष्य है। अगर प्रकृति नहीं है, तो मनुष्य का भी भविष्य खतरे में है। ऐसे में मानव का कर्तव्य बनता है कि खुद प्रकृति से प्रेम करता रहे और दूसरों को भी प्रेम करना सिखाता रहे।उन्होंने कहा कि श्री राम ग्रुप ऑफ कॉलेजेस समय-समय पर निरंतर ऐसे आयोजन और अभियान चलाता रहा जिस से समाज को जागरूक करने और प्रकृति और मानव समाज के बीच संतुलन बनाने में सहयोग मिले।
डॉ मनोज धीमान डायरेक्टर ऑफ फाइन आर्ट्स डिपार्टमेंट ने बताया कि विभाग समय – समय पर कला के जरिए ऐसे कार्यक्रमो का आयोजन करता रहा है जो प्रकृति को करीब से जानने की प्रेरणा मिलती है। डॉ मनोज धीमान ने बताया कि प्रकृति के प्रति अपनी जिमेदारियों का संदेश समाज को देना चाहिए। उन्होंने कहा कि संस्थान के संस्थापक चेयरमैन डॉ. एस सी कुलश्रेष्ठ हमेशा से ही प्रकृति के प्रति अपने प्रेम एवं विचारो से सभी को प्रेरित करते रहे और जिससे डिपार्टमेंट ऑफ फाइन इस तरह के आयोजनों को पूरा करता रहा। इसी क्रम में उन्होने बताया इस साल भी बहुत सारी ऐसी योजनाए बनाई गई जिससे हम समाज को प्रकृति के संरक्षण के प्रति जागरूक कर सके।”
इस कार्यशाला को सफल बनाने में फाइन आर्ट्स डिपार्टमेंट की हेड मीनाक्षी काकरान, डॉ अनु, बिन्नु पुंडीर, रीना त्यागी, रजनीकांत, सोनी श्रीवास्तव आदि का योगदान रहा है।
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