संवाददाता: राहुल चौधरी, नमस्कार भारत

आपको पाता ही होगा की भारत में नागरिकता संशोधन कानून यानी सीएए को लागू करने का नोटिश जारी हो चुका है। उसके बाद इस कानून को अब पूरे देशभर में लागू किया गया है । कई सारे ऐसे भी लोग है जो सीएए के खिलाफ विरोध कर रहा है।खास कर विपक्ष तो और ज्यादा ही विरोध कर रहा है तो वहीं अब इस पर अमेरिका ने भी प्रतिक्रिया दी है।

क्या प्रतिक्रिया दिया अमेरिका ने

आप को बता दे कि अमेरिका ने गुरुवार को कहा कि वह भारत से सीएए की अधिसूचना को लेकर चिंतित है और इसके कार्यान्वयन पर बारीकी से नजर बनाए रखा है। यह सारी बात अमेरिका के स्टेट डिपार्टमेंट के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने अपनी डेली ब्रीफिंग में संवाददाताओं के सवालों का जवाब देते हुए कहा है ।

आप की जानकारी के लिए बता दे कि अमेरिका में प्रेस ब्रीफिंग के दौरान ही मैथ्यू से मीडिया ने जो सवाल किए उनके जवाब में कही है कि भारत में इस अधिनियम को कैसे लागू किया जाएगा इस पर अमरीक की नजर है। आप को बता दे की उन्होंने कहा है कि धार्मिक स्वतंत्रता का सम्मान और सभी  समुदायों के लिए कानून के तहत समान व्यवहार मौलिक लोकतांत्रिक सिद्धांत हैं  और अमेरिका की राष्ट्रपति जो बाइडेन प्रशासन का बयान ऐसे समय में भी आया है जब हिंदू अमेरिका समूहों ने भारत में सीएए के लागू होने का स्वागत किया है।

CAA कानून को पाक ने भेदभाव करने वाला बताया

हम सब जानते ही है कि पाकिस्तान भारत देश से कितना जलता है । वहीं जब भारत में सीएए कानून लागू हुआ तो अमेरिका से पहले पाकिस्तान ने भी इस कानून को लेकर बयान दिया है। पाकिस्तान ने अपने बयान ने कहा कि यह कानून भेदभाव करने वाला है । पाकिस्तान विदेश कार्यलय की प्रवक्ता मुमजात जहरा बलूच ने कहा है कि यह कानून लोगो के बीच उनकी आस्था के आधार पर भेदभाव करता है । उन्होंने आरोप लगाया कि सीएए कानून गलत धारणा पर आधारित हैं कि भारत के मुस्लिम देशों में अल्पसंख्यकों पर अत्याचार किया जा रहा है।

भारत सरकार ने कहा मुसलमानों से लेना–देना नहीं

आप को पता ही होगा की भारत सरकार ने इस हफ्ते 11मार्च को नागरिकता अधिनियम 2019 लागू किया । जिससे 31 दिसंबर, 2014 से पहले भारत आए पाकिस्तानी, बांग्लादेश और अफगानिस्तान के गैर–मुस्लिम प्रवासियों को नागरिकता मिलेगी। सीएए कानून को लेकर बढ़ती विरोध के बीच भारत सरकार ने एक प्रेस बयान जारी कर कहा कि भारतीय मुसलमानों को चिंता करने की जरूरत नहीं है क्योंकि सीएए उनकी नागरिकता को परभावित नही करेगी। इसका उन समुदायों से कोई लेना–देना नहीं है। भारत सरकार का कहना है कि सीएए नागरिकता देने के बारे में है और देश के किसी भी नागरिक की इससे नागरिकता नहीं जाएगी।

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