अर्जुमन फात्मा ,संवाददाता ,नमस्कार भारत
Bihar News: इस बदलते दौर में भी लोग शायरी और साहित्य के इतने दीवाने हैं कि बिहार के युवा सय्यद अमजद हुसैन ने मात्र 18 वर्षीय उम्र में ही हिंदुस्तान के मशहूर उर्दू साहित्यकार अख्तर ओरेनवी पर 70 पन्नों की किताब लिख डाली। हम देखते है कि, तहज़ीब की जुबान कही जाने वाली भाषा उर्दू का चलन दिन प्रतिदिन खत्म होता जा रहा है जबकि उर्दू की शुरुआत हिंदुस्तान से ही हुई थी इसे महात्मा गांधी द्वारा भी सराहा गया है। इस विषय पर चिंतित अमजद हुसैन ने बिहार में उर्दू साहित्य के निर्माता अख्तर ओरेनवी की जीवनी लिख डाली जिन्होंने उर्दू भाषा में बड़ा योगदान प्रदान किया है।
आखिर कौन थे अख्तर ओरेनवी, जिनके बारे में लिखी गयी किताब
Bihar News: शायरी और साहित्य से लोगों के दिलों पर राज करने वाले साहित्यकार अख्तर ओरेनवी बिहार के ओरेन ज़िला लखीसराय के रहने वाले थे जिन्होंने 19वीं शताब्दी में उर्दू शायरी और साहित्य से लोगों का दिल जीता है अख्तर ओरेनवी की कई मशहूर शायरी में से सबसे मशहूर शायरी *”मौत और जिंदगी के दरमियान”* आज भी लोगों की जुबां पर चढ़ी हुई है किताब लेखक सय्यद अमजद हुसैन बताते हैं कि अख्तर ओरेनवी ने अपने अंतिम समय में जिंदगी और मौत के बीच जंग के वक्त भी उर्दू में कहानी और शायरी लिखना नहीं छोड़ा जबकि आज के दौर में लोग उर्दू जुबान को तवज्जो नहीं दे रहे हैं।।
जानिए क्या है किताब के अंदर
BIhar News: अमजद हुसैन बताते हैं कि उनके परिवार में अक्सर ही अख़्तर ओरेनवी और उनके छोटे भाई सय्यद फज़ल अहमद की बातें होती रहती हैं वहीं से अमजद हुसैन के दिमाग में यह उपाय पैदा हुआ। उनके द्वारा लिखी गई ये किताब 60 से 70 पन्नों की है जिसका नाम *” अख्तर ओरेनवी: बिहार में उर्दू साहित्य के निर्माता”* रखा है। इस किताब में उन्होंने ओरेनवी की जीवन शैली को दर्शाया है और उनका उर्दू साहित्य के योगदान को बताया है। बता दें कि किताब 16 जुलाई को नोशन प्रेस द्वारा प्रकाशित की जा रही है जिसको ऑनलाइन प्लेटफॉर्म जैसे अमेजॉन, फ्लिपकार्ट पर भी उपलब्ध कराया जाएगा।
आखिर कौन है 18 वर्षीय लेखक सय्यद अमजद हुसैन
Bihar News: मशहूर साहित्यकार अख्तर ओरेनवी की जीवनी लिखने वाले 18 वर्षीय लेखक सय्यद अमजद हुसैन बिहार के शेखपुरा ज़िला से ताल्लुक रखते हैं। उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा एस ए डी एन कन्वेंट स्कूल और डीपीएस शेखपुरा से की है। फिलहाल में पश्चिम बंगाल स्थित मौलाना अबुल कलाम आजाद यूनिवर्सिटी ऑफ़ टेक्नोलॉजी से बीबीए में अध्ययनरत है। उन्होंने हमें बताया कि वे लेखन और इतिहास में रुचि रखते हैं और आगे भी सूफिज्म पर लिखना चाहते हैं वैसे बता दें कि यह किताब “अख़्तर ओरेनवी- बिहार में उर्दू साहित्य के निर्माता” उनकी पहला प्रयास है।
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