संवाददाता: सिद्धार्थ कुंवर, नमस्कार भारत
बिहार के युवा में प्रतिभा की कोई कमी नहीं है। देश से लेकर विदेश तक यहां के युवा अपने हुनर का परचम लहरा रहे हैं।आज हम आपको ऐसे ही एक युवा वैज्ञानिक के बारे में बताने जा रहे हैं,जो बिहार से है।उन्होंने नासा के ऑफर को इसलिए ठुकरा दिया, क्योंकि उन्हें देश में रह कर ही काम करना था।
आपको बता दे की ये और कोई नहीं यंग माइंड रिसर्च एंड डेवलपमेंट एनजीओ के संस्थापक गोपाल जी है। जो बिहार के भागलपुर जिले से ताल्लुक रखते हैं। उनका घर भागलपुर के ध्रुवगंज में है। ध्यान देने योग्य बात यह है की इनके नेतृत्व में भारतीय बच्चे NASA जाने वाले हैं। NASA का 30वा स्थापना दिवस कार्यक्रम में 19 और 20 अप्रैल को होने वाला है। इस कार्यक्रम में भारत से हाई स्कूल लेवल की 13 बच्चों की टीम शिरकत करेंगी। नासा के ह्यूमन एक्सप्लोरेंस रोवर चैलेंज में गोपाल जी के मार्गदर्शन में बच्चों की टीम हिस्सा लेने जा रही है।
गोपाल जी की माने तो हर साल नासा की तरफ़ से अगस्त महीने में इनोवेटिव आइडिया लिए जाते हैं। इस विषय में रजिस्ट्रेशन भी करना होता है।इसमें यंग माइंड रिसर्च एंड डेवलपमेंट एनजीओ की तरफ़ से चंद्रमा पर उतरने वाले मानव रहित का आइडिया दिया गया।
दुनिया भर से नासा जाने के लिए 30 टीमों को चुना गया है, उसमें हम लोगों को भी इन्विटेशन मिला है। प्रोजेक्ट सेलेक्ट होने पर नासा इसे टेकओवर करते हुए काम करेगी। वहीं टीम को इनाम से भी नवाजा जाएगा। इसके साथ ही गोपाल जी की टीम को नासा के चंद्रमा मिशन पर भी काम करने का मौका दिया जाएगा।
बिहार से नासा जाने वाले बच्चों में तनिष्क उपमनु, कारूणय उपमनु और सूर्य नारायण रजक का नाम शामिल है। आपको बता दें कि 24 साल की उम्र में ही कामयाबी की बुलंदियों को छूना शुरू कर दिया था।13 साल की उम्र में उन्होंने केले से बिजली पैदा करने वाली मशीन बनाकर खूब सुर्खियां बटोरी थीं। YMRD (यंग माइंड रिसर्च एंड डेवलपमेंट) के संस्थापक गोपाल जी ने कहा कि 1 महीने की मेहनत से टीम ने मानव रहित रोवर प्रोजेक्ट को क़रीब 10 लाख रुपए में तैयार किया गया था।