संवाददाता: राहुल चौधरी, नमस्कार भारत

लोकसभा चुनाव की तारीखों के ऐलान के बाद बिहार के गलियों और गावों में यह चर्चा तेज़ हो गई है कि, राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव अपने परिवार से एक और सदस्य की सियासत में एंट्री हो सकती है।

लालू प्रसाद यादव की पत्नी राबड़ी देवी, बेटे तेज प्रताप यादव और तेजस्वी प्रसाद यादव और बेटी मीसा भारती के बाद अब एक और बेटी रोहिणी आचार्य भी राजनीतिक पारी की शुरुआत कर सकती हैं। आपको बता दें कि अभी के वक्त में लालू परिवार से राबड़ी देवी, तेज प्रताप और तेजस्वी यादव एक्टिव पॉल्टिक्स में हैं। इनको पॉलिटिक्स में लाने वाले इनके ही पिता लालू प्रसाद यादव है।

अब लालू यादव चाहते है कि वह अपनी बेटी रोहिणी को भी राजनीतिक में लंच करे । वह इसकी तैयारी भी कर रहे है। बिहार में यह चर्चा तेज़ हो गया है कि लालू प्रसाद यादव अपनी बेटी रोहिणी आचार्य को अपने गृह सीट से चुनावी दंगल में उतार सकते हैं। राजद एमएलसी सुनील कुमार के सोशल मीडिया पोस्ट के बाद से ही संभावनाओं की सियासत तेज़ हो चुकी है।

आप को बता दें कि सुशील कुमारने सोशल पर एक मीडिया पोस्ट में लिखा कि पिता के लिए प्यार, श्रद्धा और समर्पण की मिसाल डॉ. रोहिणी आचार्य को लोकसभा प्रत्याशी घोषित किया जाए। सारण प्रमंडल के सभी पार्टी कार्यकर्ताओं की यह ख्वाहिश है कि सारण लोकसभा सीट से रोहिणी आचार्या को राजद प्रत्याशी घोषित किया जाए।

ग़ौरतलब है कि हाल ही में पटना के गांधी मैदान में हुई महागठबंधन की जन विश्वास महारैली में राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के साथ रोहिणी आचार्य ने भी सियासी मंच दिखाई दी थी । मंच पर कई इंडिया गठबंधन के दिग्गज नेता भी मौजूद थे।

राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने इस कार्यक्रम के ज़रिए तीसरी बार अपनी बेटी रोहिणी आचार्य को कार्यकर्ताओं और समर्थकों से मिलवाया था। इसके बाद से ही यह चर्चा तेज़ हो गई है कि रोहिणी आचार्य के सियासी सफर की शुरुआत हो चुकी है।

आपको बता दें की सारण सीट लालू यादव की गृह सीट है। 29 साल की उम्र में पहली बार 1977 में लालू यादव छपरा सीट से चुने गए। इसके बाग 1989 और 2004 में भी इस सीट को रिप्रेजेंट किया। नए परिसीमन के बाद इसे सारण नाम से जाना जाने लगा।

सीबीआई द्वारा चारा घोटाले में दोषी करार होने के बाद लालू यादव लोकसभा से अयोग्य करार कर दिये गए। इसके बाद लालू प्रसाद यादव नें अपनी पत्नी राबड़ी देवी को 2014 के लोकसभा चुनाव में अपनी गृह सीट से चुनावी दंगल में उतारा लेकिन वह करीब 41 हज़ार वोटों से हार गईं।

अब सारण सीट से रोहिणी आचार्य को उम्मीदवार बनाने की चर्चा तेज़ है। विपक्ष यह आरोप लगाता रहा है कि राजद के परिवार के अलावा कुछ और नहीं सूझता। रोहिणी आचार्य को उम्मीदवार बनाने की चर्चा पर फिर यह बात होने लगी है कि परिवार के सहारे ही राजद अपनी नैया पार लगाना चाहती है। नेताओं और कार्यकर्ताओं पर राजद सुप्रीमो कम तरजीह देते हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *