संवाददाता: सिद्धार्थ कुंवर, नमस्कार भारत
Lok Sabha Election, Bihar: लोकसभा चुनाव के सातवें और अंतिम चरण में बिहार में दिलचस्प मुकाबला होने वाला है। अंतिम चरण के चुनाव में जहां एक ओर दिग्गज नेताओं के बीच फाइट देखने को मिलेगी वहीं दूसरी ओर कई नामी नेताओं की प्रतिष्ठा भी इस बार दांव पर है।
सातवें चरण में 1 जून को बिहार की कुल 8 सीटों पर मतदान होना है। इन सीटों में पाटलिपुत्र, पटना साहिब, काराकाट, बक्सर, आरा, नालंदा, सासाराम और जहानाबाद शामिल है। मंगलवार को नामांकन की समय सीमा समाप्त होने के साथ ही चुनावी लड़ाई की तस्वीर करीब-करीब साफ हो गई है।
सातवें चरण में चुनाव में केंद्रीय मंत्री आरके सिंह सहित चार पूर्व मंत्री मैदान में हैं। इनमें उपेंद्र कुशवाहा, रविशंकर प्रसाद और रामकृपाल यादव शामिल हैं। इसके अलावा आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव की बड़ी बेटी मीसा भारती भी पाटलिपुत्र सीट से लगातार तीसरी बार चुनाव लड़ रही हैं।
कई पूर्व मंत्रियों और दिग्गजों की प्रतिष्ठा दांव पर
इन कारणों से बिहार में सातवें चरण का मुकाबला बेहद दिलचस्प हो गया है। पूरे देश की निगाहें इस दौरान बिहार पर टिकी हुई हैं। सातवें चरण में बीजेपी की टिकट पर केंद्रीय मंत्री आरके सिंह लगातार तीसरी बार आरा लोकसभा सीट से मैदान में हैं। पिछले दो चुनाव में जीत के बाद वो इस बार हैट्रिक लगाने की पूरी तैयारी में हैं। इस लोकसभा सीट पर उनका मुकाबला इंडी गठबंधन की ओर से भाकपा माले के कैंडिडेट सुदामा प्रसाद से है।
बात करें पटनासाहिब लोकसभा सीट की तो पूर्व केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद लगातार दूसरी बार मैदान में हैं। पिछली बार बॉलीवुड एक्टर और कांग्रेस प्रत्यासी शत्रुघ्न सिन्हा को हरा कर उन्होंने संसद का टिकट पाया था। इस बार इस सीट पर कांग्रेस ने पूर्व लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार के बेटे अंशुल अविजित को उम्मीदवार बनाया है।उधर पूर्व केंद्रीय राज्य मंत्री रामकृपाल यादव भी इस बार पाटलिपुत्र सीट से हैट्रिक लगाने की उम्मीद लिए मैदान में हैं। उनका मुकाबला इंडिया ब्लॉक की ओर से आरजेडी प्रत्यासी और यदा परिवार की बड़ी बेटी डॉ. मीसा भारती से है। बता दें, पिछले दो बार यानी 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव में मीसा भारती को इस सीट पर रामकृपाल यादव के हाथों शिकस्त झेलनी पड़ी है।
काराकाट में त्रिकोणीय मुकाबला
इन सीटों के अलावा काराकाट लोकसभा सीट भी इस बार काफी चर्चाओं में रहा है, वजह है यहां से पवन सिंह और उनकी मां दोनों का नॉमिनेशन भरना। भोजपुरी सुपरस्टार को भाजपा ने पहले आसनसोल से टिकट दिया था जिसे लौटा कर उन्होंने काराकाट से निर्दलीय चुनाव लड़ने का फैसला किया। उनकी मां को डर था कि कहीं बेटे का नॉमिनेशन ना रद्द हो जाए तो उन्होंने भी पर्चा भर दिया। काराकाट लोकसभा सीट पर एनडीए की ओर से जहां पूर्व केंद्रीय राज्य मंत्री और राष्ट्रीय लोक मोर्चा के प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा मैदान में हैं वहीं इंडी गठबंधन की ओर से भाकपा माले के राजाराम सिंह कुशवाहा चुनाव लड़ रहे हैं। काराकाट सीट पर भोजपुरी गायक और अभिनेता पवन सिंह ने निर्दलीय मैदान में उतर कर लड़ाई को त्रिकोणीय और कांटे का बना दिया है। चुनाव के पहले ही इस सीट की लड़ाई सुर्खियों में है। 2019 में इस सीट से जेडीयू के महाबली सिंह ने उपेंद्र कुशवाहा को हराया था।
लगातार दो बार के सांसद अश्विनी चौबे का कटा टिकट
बात करें बक्सर लोकसभा सीट की तो इस सीट पर बीजेपी ने मिथिलेश तिवारी को और आरजेडी ने पूर्व मंत्री सुधाकर सिंह को टिकट दिया है। पिछले दो बार से यहां पूर्व केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे चुनाव जीतते आ रहे था। इस बार बीजेपी ने उनका टिकट काट कर मिथिलेश तिवारी को उम्मीदवार बनाया है। सासाराम सीट पर बीजेपी के शिवेश राम का मुकाबला कांग्रेस के मनोज कुमार से है। उधर, जहानाबाद लोकसभा सीट पर दूसरी बार जेडीयू के मौजूदा सांसद चंदेश्वर प्रसाद चंद्रवंशी मैदान में हैं। उनके खिलाफ आरजेडी के सुरेंद्र यादव चुनाव मैदान में हैं। जबकि पूर्व सांसद अरुण कुमार भी बसपा के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं। इस कारण यहां भी मुकाबला काफी रोचक हो गया है। वहीं नालंदा सीट से यहां के मौजूदा सांसद और जेडीयू नेता कौशलेंद्र कुमार तीसरी बार मैदान में हैं। उनके खिलाफ इंडी ब्लॉक से सीपीआई माले के प्रत्यासी संदीप सौरभ मैदान में उतरे हैं।
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