संपादक रवि भूषण गौतम, नमस्कार भारत

काठमांडू। नेपाल की अंतरिम प्रधानमंत्री सुशीला कार्की ने रविवार को सिंहदरबार पहुंचकर औपचारिक रूप से पदभार संभाला। इस मौके पर नेपाल के आर्मी चीफ भी मौजूद रहे। पद ग्रहण करने के बाद अपने पहले संबोधन में उन्होंने साफ कहा कि उनकी टीम सत्ता सुख भोगने नहीं, बल्कि देश को स्थिरता देने के उद्देश्य से आई है। उन्होंने कहा, “हम छह महीने से ज्यादा नहीं रहेंगे। तोड़फोड़ में शामिल लोगों की जांच होगी और नई संसद को जिम्मेदारी सौंप दी जाएगी। जनता का सहयोग ही हमारी सबसे बड़ी ताकत है।”

युवाओं में बदलाव की उम्मीद

कार्की के नेतृत्व ने नेपाल के युवाओं में नई उम्मीद जगाई है। लंबे समय से बेरोजगारी और भ्रष्टाचार से परेशान युवा अब बदलाव की राह देख रहे हैं। एक युवक संतोष ने कहा कि अब तक सरकारी दफ्तरों में बिना घूस काम होना मुश्किल था। वहीं थापा नामक युवक ने कहा कि नेपाल में उद्योग, शिक्षा और रोजगार के अवसरों की भारी कमी है, लेकिन कार्की जैसे पारदर्शी नेतृत्व से भविष्य की उम्मीद बढ़ी है।

नेपाल-भारत सीमा पर मिली राहत

पदभार ग्रहण के तुरंत बाद हालात सामान्य करने के प्रयास तेज हुए। करीब 4–5 दिन बाद नेपाल-भारत सीमा आम लोगों के लिए खोल दी गई है। अब छोटे वाहन आधार कार्ड दिखाकर सीमा पार कर सकते हैं, हालांकि बड़े वाहनों की आवाजाही अभी बंद है क्योंकि भंडार कार्यालय को आग के हवाले कर दिया गया था, जिससे टैक्स और कागजी काम प्रभावित हैं।

हिंसा में 61 की मौत

बीते दिनों हुई हिंसक घटनाओं में अब तक 61 लोगों की जान जा चुकी है। सोमवार सुबह काठमांडू के बौद्ध इलाके स्थित भाटभटेनी सुपर स्टोर से छह शव बरामद हुए। हालांकि हालात धीरे-धीरे सामान्य होते दिख रहे हैं और आम लोगों को राहत मिलने लगी है।

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