सागर कुमार, संवाददाता, नमस्कार भारत
Nithari Kand: नोएडा में हुए निठारी कांड के दोषियों को इलाहाबाद हाईकोर्ट से राहत मिली है। नोएडा के सेक्टर 31 की कोठी नंबर D-5 के रहने वाले मोनिंदर सिंह पंढेर और उसके नौकर सुरिंदर कोली पर बच्चो और महिलाओ की हत्याओं के आरोप थे। इन दोनो पर 31 बच्चों के हत्या और उनके साथ यौन शौषण का आरोप था। लेकिन जब इस मामले की जांच की गई तो दोनों पर सिर्फ 19 लोगों की हत्या और यौन शोषण की ही खबर सामने आई थी जिसमें करीब 10 लड़कियां शामिल थी। लेकिन इनमें से भी कुछ के डीएनए सैंपल मैच नहीं हो पाए थे जिस वजह से कुछ मामलों में दोनों आरोपियों को बरी कर दिया गया था। दोनों आरोपियों को गिरफ्तार करने की वजह यह थी की मनिंदर सिंह के घर के पीछे के नाले में से करीब 19 नर कंकाल बरामद हुए थे जिस वजह से पुलिस ने दोनों आरोपियों को गिरफ्तार किया था यह कंकाल बच्चों और महिलाओं के थे। जब सीबीआई ने इस मामले की जांच की थी तो सीबीआई को इंसानी हड्डियों के कुछ हिस्से और 40 इस तरह के पैकेट बरामद हुए थे जिसमें मानव अंग भरे हुए थे। इस मामले की अच्छे से जांच न करने तथा लापरवाही बरतने की वजह से नोएडा पुलिस के तीन सीनियर अफसर समेत कई पुलिसकर्मियों को सस्पेंड भी कर दिया गया था।
निठारी कांड में सुनाई गई थी सजा
Nithari Kand: अब तक दोनो आरोपियों को इस कांड के लिए 14 बार सजा सुनाई जा चुकी है। पहले 2006 में दोनों को गिरफ्तार किया गया था। क्योंकि दोनों पर 19 बच्चो और महिलाओं की हत्या तथा उनके साथ दुष्कर्म का आरोप था उसके बाद 2007 में दोबारा सीबीआई ने दोनो आरोपियों को गिरफ्तार किया था क्योंकि उनके घर के आस पास और भी हड्डियां बरामद हुई थी। लेकिन तब भी दोनो आरोपियों को रिम्पा हलदर के मामले में दोषमुक्त कर दिया गया था। लेकिन जब करीब 2 महीने बाद अदालत ने सीबीआई को पंढेर और कोली के मामले को लेकर फटकार लगाई तब सीबीआई ने दोबारा दोनो को अपनी हिरासत में ले लिया। 13 फरवरी 2009 में पंढेर और कोली को रिम्पा हलदर की मौत, उसके साथ बलात्कार में आरोपी ठहराने के बाद मौत की सजा सुनाई गयी थी। लेकिन इलाहाबाद हाईकोर्ट ने दोनो को इस मामले में बरी कर दिया और मौत की सजा बरकरार रखी। फिर 4 मई 2014 को जब दोनो आरोपियों ने मौत की सजा पर पुनर्विचार करने के लिए याचिका दायर की लेकिन कोर्ट ने याचिका को खारिज कर दोनो को फासी की ही सजा सुनाई। लेकिन 2015 में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कोली और मोनिंदर को रिम्पा हलदर की हत्या उसके साथ दुष्कर्म के आरोप में मिली फासी की सजा को उम्र कैद में बदल दिया। जिसके बाद कल इन दोनों को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने रिहा कर दिया है।
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