संपादक रवि भूषण गौतम, नमस्कार भारत

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का हालिया मणिपुर दौरा कई मायनों में ऐतिहासिक माना जा रहा है। यह उनकी उस यात्रा का हिस्सा था जिसमें उन्होंने हिंसा प्रभावित इस राज्य को विकास की मुख्यधारा में शामिल करने और शांति के रास्ते पर आगे बढ़ाने का संदेश दिया। 2023 में हुई जातीय हिंसा के बाद यह उनकी पहली यात्रा थी, इसलिए स्वाभाविक रूप से लोगों की निगाहें इस दौरे पर टिकी हुई थीं पीएम मोदी ने इंफाल और चुराचांदपुर में आयोजित कार्यक्रमों में शिरकत की, 1200 करोड़ रुपये से अधिक की विकास परियोजनाओं का उद्घाटन किया और जनसभा को संबोधित करते हुए मणिपुर को “21वीं सदी के विकास का केंद्र” बताया।

हिंसा को बताया दुर्भाग्यपूर्ण

प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन की शुरुआत मणिपुर में हुई जातीय हिंसा का उल्लेख करते हुए की। उन्होंने कहा कि किसी भी प्रकार की हिंसा बेहद दुर्भाग्यपूर्ण होती है। यह न केवल वर्तमान पीढ़ी के लिए बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए भी अन्याय है। उन्होंने स्पष्ट संदेश दिया कि राज्य को अब शांति और विकास की राह पर मिलकर आगे बढ़ना होगा।

भाजपा कार्यकर्ताओं का जोश और स्वागत

प्रधानमंत्री जैसे ही भाजपा के प्रदेश कार्यालय पहुंचे, वहां कार्यकर्ताओं का उत्साह देखते ही बनता था। झंडों और नारों के बीच पीएम मोदी ने कार से बाहर निकलकर हाथ हिलाकर अभिवादन स्वीकार किया। भारी बारिश और जलभराव के बावजूद हजारों लोग उन्हें सुनने पहुंचे, जो भाजपा और प्रधानमंत्री मोदी के प्रति लोगों के विश्वास को दर्शाता है।

नेपाल के लिए संदेश

इस दौरे के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने पड़ोसी देश नेपाल का भी उल्लेख किया। उन्होंने नेपाल के युवाओं की सराहना की, जो हाल के दिनों में सड़कों की सफाई और रंगाई-पुताई जैसे कार्यों में बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रहे हैं। मोदी ने कहा कि यह कार्य न केवल प्रेरणादायक है बल्कि नेपाल के उज्ज्वल भविष्य का संकेत भी देता है।

‘ऑपरेशन सिंदूर’ में मणिपुर के सपूतों की भूमिका

प्रधानमंत्री ने हाल ही में हुए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ का जिक्र किया, जिसमें भारतीय सेना की ताकत पूरी दुनिया ने देखी। उन्होंने कहा कि इस ऑपरेशन में मणिपुर के वीर सपूतों ने भी अहम भूमिका निभाई। उन्होंने शहीद दीपक चिंगाखाम को श्रद्धांजलि अर्पित की और कहा कि उनका बलिदान हमेशा याद रखा जाएगा।

मणिपुरी संस्कृति और भारत की पहचान

प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में मणिपुर की संस्कृति और खेल जगत की सराहना की। उन्होंने कहा कि भारतीय संस्कृति मणिपुरी संस्कृति के बिना अधूरी है। भारत का खेल जगत भी यहां के खिलाड़ियों के बिना अधूरा है। पीएम मोदी ने कहा कि यहां की युवाशक्ति पूरे दिल और आत्मा से तिरंगे की शान के लिए समर्पित रहती है।

ऐतिहासिक भूमिका का उल्लेख

मोदी ने मणिपुर की आजादी की लड़ाई में ऐतिहासिक भूमिका को याद किया। उन्होंने कहा कि यहीं की धरती पर आजाद हिंद फौज ने पहली बार भारतीय तिरंगा फहराया था। नेताजी सुभाषचंद्र बोस ने मणिपुर को भारत की आजादी का द्वार कहा था।प्रधानमंत्री ने यह भी याद दिलाया कि अंडमान-निकोबार द्वीप समूह के माउंट हैरियट का नाम बदलकर ‘माउंट मणिपुर’ रखा गया है। यह फैसला 140 करोड़ भारतीयों की ओर से मणिपुरी स्वतंत्रता सेनानियों को श्रद्धांजलि है।

“21वीं सदी उत्तर-पूर्व की सदी”

प्रधानमंत्री मोदी ने इंफाल में आयोजित रैली में कहा कि 21वीं सदी भारत के उत्तर-पूर्व की सदी होगी। उन्होंने इंफाल को अवसरों का शहर बताया और कहा कि यह शहर भारत की विकास गति को तेज करने में बड़ी भूमिका निभाएगा। उन्होंने विशेष रूप से मणिपुर की महिलाओं का जिक्र करते हुए कहा कि वे राज्य की आर्थिक प्रगति की अगुवाई कर रही हैं और स्थानीय उत्पादों को देश-दुनिया तक पहुंचा रही हैं।

1200 करोड़ की विकास परियोजनाओं का शुभारंभ

इस दौरे के दौरान प्रधानमंत्री ने 1200 करोड़ रुपये से अधिक की परियोजनाओं का उद्घाटन किया। इन परियोजनाओं का उद्देश्य राज्य की आधारभूत संरचना और सामाजिक विकास को मजबूत करना है। इनमें सड़क, शिक्षा, स्वास्थ्य और बिजली जैसी सुविधाओं का विस्तार शामिल है।

कांग्रेस और एमपीपी का विरोध

हालांकि, प्रधानमंत्री के इस दौरे को लेकर विपक्षी दलों ने नाराजगी जताई। कांग्रेस और मणिपुर पीपुल्स पार्टी (एमपीपी) की युवा इकाइयों ने विरोध प्रदर्शन किया। कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया कि यह दौरा राजनीतिक रणनीति का हिस्सा है, न कि शांति बहाली का प्रयास। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए सख्ती बरती। बावजूद इसके, बारिश और जलभराव के बीच हजारों लोग प्रधानमंत्री का संबोधन सुनने कांगला किले पहुंचे।

स्थानीय लोगों से संवाद

प्रधानमंत्री मोदी ने दौरे के दौरान स्थानीय लोगों से भी मुलाकात की। उन्होंने उनकी समस्याओं को सुना और आश्वासन दिया कि केंद्र सरकार राज्य में शांति और विकास के लिए हरसंभव कदम उठा रही है।

नेताओं की प्रतिक्रियाएं

पूर्व मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने कहा कि खराब मौसम के बावजूद जिस तरह लोग पीएम मोदी को सुनने पहुंचे, वह दर्शाता है कि जनता का विश्वास भाजपा और मोदी पर बना हुआ है। भाजपा सांसद मनोज तिवारी ने कहा कि नरेंद्र मोदी ने जितनी बार पूर्वोत्तर का दौरा किया है, उतनी यात्राएं मिलाकर भी किसी प्रधानमंत्री ने नहीं कीं। उनका कहना था कि मोदी का विजन 2047 तक देश के हर कोने का विकास करना है।

दौरे के संदेश और निष्कर्ष

प्रधानमंत्री मोदी का मणिपुर दौरा कई मायनों में अहम साबित हुआ। एक तरफ उन्होंने हिंसा से जूझ चुके राज्य को शांति और विकास का संदेश दिया, वहीं दूसरी ओर राष्ट्रीय एकता और पड़ोसी देशों से सौहार्द का भी उदाहरण पेश किया।उनके इस दौरे से साफ है कि केंद्र सरकार उत्तर-पूर्व को भारत के विकास का इंजन बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। मणिपुर की सांस्कृतिक धरोहर, युवाशक्ति और महिलाओं की आर्थिक भागीदारी भविष्य के लिए बड़ी ताकत है।

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