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संवाददाता: राहुल चौधरी, नमस्कार भारत

Lok Sabha Chunav: देश में लोकसभा चुनाव जारी है, अभी तक चौथे चरण का मतदान समाप्त हो चुका है और पांचवे चरण के लिए वोटिंग 20 मई को होनी है।

लोकसभा चुनाव में सभी दलों ने अपने-अपने प्रत्याशी मैदान में उतारे हैं। कई निर्दलीय उम्मीदवार भी चुनाव लड़ रहे हैं। लेकिन चुनाव लड़ने का असली क्रेज तो उत्तर प्रदेश के भदोही में देखने को मिला। 2024 के चुनाव में प्रमुख राजनीतिक दल के साथ-साथ आम लोगों को किस्मत आजमाता देख भदोही के एक किसान के मन में भी चुनाव लड़ने की इच्छा जागी।

 किसान चुनाव लड़ने की तो ठान ली लेकिन बात उसकी गरीबी पर आकर अटक गई। उसको अगर चुनाव लड़ना हैं तो चुनाव के लिए पैसों का सख्त जरूरत होता हैं। पैसों की कमी से उसके चुनाव लड़ने के सपने के आड़े ना आ सके इसलिए उसने अपने खेत को गिरवी रख दिया। लेकिन असली कहानी इसके बाद शुरू होती है…

जैसे तैसे पैसों का इंतजाम कर किसान जब नामांकन भरने पहुंचा तो उनके साथ खेल हो गया। खेत बेच कर पैसे लेकर जब करण शुक्ला नामक किसान चुनावी मैदान में औपचारिक तौर पर उतरने के लिए जब नामांकन करने कलेक्टर ऑफिस गया तो वहां उसका पर्चा ही रद्द कर दिया गया। दरअसल, किसान ने अपना पर्चा ठीक से नहीं भरा था इस वजह से उसका नामांकन कैंसिल हो गया।

न्यूज18 इंडिया के एक शो के दौरान भदोही में वह किसान भी पहुंचा। करण शुक्ला ने उस दौरान बताया कि वह खाली वक्त में वॉचमैन का काम करते हैं। देश में महंगाई से काफी परेशान होने के कारण वो इस बार लोकसभा चुनाव में नामांकन भरने के लिए गए थे।  किसान ने कारण बता, “मैं चुनाव लड़ने वाला था। खेत गिरवी रखकर चुनाव लड़ा लेकिन हमारा पर्चा खारिज हो गया। जांच कराईये। मैं बाहर वॉचमैनी करता था।” यह पूछने पर कि उसके दिमाग में चुनाव लड़ने की बात कैसे आई उसने बताया कि महंगाई के कारण उसने ये फैसला लिया। पूछे जाने पर कि क्या आप महंगाई दूर कर देंगे? करण ने कहा, “यह बात मोदी जी तक पहुंचाएंगे।” करण का कहना था कि चुनाव लड़कर मोदी जी महंगाई कि यह बात पहुंचाएंगे। क्योंकी जनता के साथ अन्याय हो रहा है।

किसान के पास 1200 गांव का समर्थन

जब करण से कहा गया कि वह पैसा क्यों बर्बाद कर रहे हैं? उन्होंने शो में मौजूद कांग्रेस-बीजेपी के उम्मीदवारों की ओर इशारा करते हुए कहा, “तो क्या ये सब भी पैसा बर्बाद कर रहे हैं?” जब उन नेताओं की बड़ी-बड़ी पार्टी है होने का तर्क दिया गया इसपर करण ने कहा, “ये जनता का पैसा है। इतनी महंगाई क्यों हो रही है? एक रुपये की चीज तीन रुपये की हो गई है।” सपोर्टर को लेकर सवाल किए जाने पर उसने कहा, “मेरी सपोर्टर जनता है। 1200 गांव के लोग हैं।”

जनता की सेवा करना ही मकसद

शो के दौरान करण ने अपने एक परिचित की ओर ईशारा करते हुए कहा,”जांच करें, हमारे भाई का भी कॉपी रद्द हुआ है। 17 लोगों का हुआ है।” दूसरे व्यक्ति जिनका नाम दीनानाथ उपाध्याय था, से जब पूछा गया कि इनका दिमाग क्यों खराब कर रहे हो?

उन्होंने जवाब दिया, “इनका दिमाग खराब नहीं। अपना खेत गिरवी रखकर ये चुनाव लड़ रहा है।” खेत बेच देने के बाद परिवार और बच्चों का क्या होगा ये पूछने पर शख्स अपनी बात पर डंटा रहा और बोलै कि मेरा मकसद जनता की सेवा करना है और बाद में इन्हें (जमीन) छुड़वा लेंगे।

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