SRGC: श्री राम ग्रुप ऑफ कॉलेजेज, मुजफ्फरनगर द्वारा सेंटर फॉर इनोवेशन, फेब्रिकेशन एण्ड एन्टरप्रिन्योरषिप डेवलपमेंट (सीफेड) के सहयोग से ‘आईओटी एवं साइबर सिक्योरिटी ट्रेंड्स, चैलेंजेज एंड सोल्यूषंस’ विषय पर 27 मई से 3 जून 2023 तक सात दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है। सात दिनों तक चलने वाली इस कार्यशाला के सप्तम दिन डॉ0 प्रगति सक्सेना मुख्य अतिथि रहे तथा उनके द्वारा छात्रों के साथ साइबर सुरक्षा के लाभ एवं आवश्यकता को समझाते हुए अपने विचार व्यक्त किये।
इन्टरनेट के माध्यम से सिस्टम पर होने वाले अपराध से लोगों को बचाना साइबर सुरक्षा को बनाने का मुख्य उद्देष्य: डॉ0 प्रगति सक्सेना
SRGC: उन्होंने छात्रों को बताया कि साइबर सुरक्षा एक प्रकार की इंटरनेट से जुड़े सिस्टम जैसे कंप्युटर, मोबाइल वाईफाई इत्यादि के लिए एक सुरक्षा होती है जिसका उद्देष्य डिवाइस, हार्डवेयर, सॉफ्टवेयर और डाटा, सूचना जैसी महत्वपूर्ण चीजों को साइबर अपराध से बचाना होता है ताकि सिस्टम और सिस्टम के स्वामी को किसी भी प्रकार की हानि का सामना न करना पड़े। इसे हम ऑनलाइन सुरक्षा भी कह सकते हैं। इसे यदि सरल भाषा मे समझें तो साइबर सुरक्षा हमारे डिवाइस से जुड़े सभी प्रकार के प्रोग्राम्स को किसी भी प्रकार के हानिकरक डिजिटल हमले से बचाता है और हमारे डिवाइस को व डिवाइस में रखे डाटा को सुरक्षा प्रदान करता है।
इन्टरनेट के माध्यम से सिस्टम पर होने वाले अपराध से लोगों को बचाना साइबर सुरक्षा को बनाने का मुख्य उद्देष्य है। जैसा कि हम जानते हैं की साइबर सुरक्षा कुल दो शब्दों से मिलकर बना हैं। ‘‘साइबर‘‘ जिसका अर्थ इंटरनेट पर उपलब्ध सभी प्रकार की डाटा, सूचना और सभी प्रकार के सिस्टम से है जो कि इंटरनेट का उपयोग करते हैं। ‘सिक्योरिटी’ का अर्थ सुरक्षा से है या फिर हानि से बचने का उपाय होता है। अब सरल भाषा में समझे तो साइबर सुरक्षा इंटरनेट के खतरों से बचने के लिये किये गये उपाय हैं।
आखिर एथिकल हैकिंग,फोन हैक,तथा साइबर अपराध क्या है
SRGC: इंटरनेट पर ऑनलाइन फ्रॉड, हैकिंग होते रहते हैं जिसकी वजह से सिस्टम के स्वामी के निजी सूचना, डाटा और उपयोगकर्ता के ऑनलाइन बैंकिंग सूचना, निजी डाटा चोरी हो जाते हैं जिससे कि सिस्टम के स्वामी और उपयोगकर्ता को भारी हानि का सामना करना पड़ता है। इससे बचने के लिए साइबर सिक्योरिटी को बनाया गया है। एथिकल हैकिंग क्या हैं ? फोन हैक कैसे होता है ? साइबर अपराध क्या है ?
वैसे तो साइबर सिक्योरिटी विभिन्न प्रकार की होती हैं परन्तु यदि हम मुख्य रूप से देखें तो यह तीन प्रकार की होती हैं।
1. एप्लीकेषन सिक्योरिटी के तहत उन एप्लीकेषन्स, सॉफ्टवेयर्स, जिनका प्रयोग आप अपने कंप्यूटर या मोबाइल पर इंटरनेट के माध्यम से करते हैं उनको और उनसे जुड़े सभी उपयोगों को साइबर हमले से बचाया जाता है। साइबर सुरक्षा का यह एक महत्वपूर्ण प्रकार है और यदि आप दैनिक जीवन में इंटरनेट का उपयोग करते रहते हैं तो इसको समझना आपके लिए और भी आवश्यक है।
2. नेटवर्क सिक्योरिटी ऐसी संस्थाओं और कम्पनियों के लिए बहुत ही आवश्यक होते हैं जहां पर कम्प्यूटर्स, सिस्टम वायरलैस नेटवर्क के माध्यम से आपस में जुड़े होते हैं। साइबर अपराधी इन्ही वायरलैस नेटवर्क के माध्यम से साइबर हमले करते हैं ताकि सिस्टम के डाटा और सूचना को एक्सेस कर सके। इन्ही सभी वायरलैस नेटवर्क पर हो रहे हमलों से बचने के लिए नेटवर्क सिक्योरिटी का प्रयोग किया जाता है ताकि सिस्टम और सिस्टम में उपस्थित डाटा एवं सूचनाओं को सुरक्षा प्रदान कर हैकर्स से बचाया जा सके।
SRGC: कार्यशाला में श्री राम ग्रुप ऑफ कॉलेजेज, मुजफ्फरनगर के संस्थापक चेयरमैन डॉ0 एस0सी0 कुलश्रेष्ठ, डीन डॉ0 सुचित्रा त्यागी, इं0 कनुप्रिया, डॉ0 आकांक्षा, इं0 पीयूष चौहान, इं0 विवेक अहलावत, इं0 रुचि राय एवं श्रीमती पायल मित्तल आदि शिक्षक गण उपस्थित रहे।
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