सचिन शर्मा, संवाददाता, नमस्कार भारत
SRGC: श्रीराम कॉलेज, मुजफ्फरनगर के ललित कला विभाग में विद्यार्थियों के नवीनतम ज्ञान से अवगत कराने और वर्तमान परिदृश्य के अनुरूप उनका ज्ञानवर्धन कराने के उद्देश्य से प्रत्येक वर्ष समय-समय पर सेमिनार का आयोजन होता रहा है। इसी क्रम को आगे बढ़ाते हुए ललित कला विभाग में एक दिवसीय सेमिनार का आयोजन महाविद्यालय के परिसर में किया गया, जिसमें ललित कला के विद्यार्थियों ने बढ़-चढ़कर प्रतिभाग किया। जिसका विषय ‘शोध प्रणाली‘ रहा। विभाग में विद्यार्थियों को शोध प्रणाली से सम्बंधित विभिन्न प्रकार से विस्तृत जानकारी दी गई। सेमिनार के मुख्य अतिथि महाविद्यालय के चैयरमेन डॉ0 एस0सी0 कुलश्रेष्ठ रहे। जिन्होंने विद्यार्थियों के समक्ष ललित कला की महत्ता को समझाया। सेमिनार के मुख्य वक्त डॉ0 मौ0 आरिफ, प्रवक्ता (गवर्नमेंट पी0जी0 कॉलेज, देवबन्द, जिला सहारनपुर) रहे।
सेमिनार के आरम्भ में शोध प्रणाली की दी गयी विस्तारपूर्वक जानकारी
SRGC: इस अवसर पर डॉ0 मौ0 आरिफ ने सेमिनार के आरम्भ में शोध प्रणाली की विस्तारपूर्वक जानकारी देते हुए कहा कि यह उद्देश्य पूर्ण बौद्धिक प्रक्रिया है। जिसके द्वारा किसी सैद्धान्तिक अथवा व्यवहारिक समस्या का समाधान किया जाता है, तथा इन समस्याओं के समाधान हेतु विशिष्ट उपकरणों तथा प्रक्रियाओं का प्रयोग किया जाता है। इस प्रक्रिया में आंकड़ों से जानकारी एकत्रित की जाती है। जो प्राथमिक अथवा माध्यमिक स्रोतों से एकत्र किए जाते हैं। शोध के लिए अंग्रेजी में रिसर्च शब्द का प्रयोग किया जाता है। रिसर्च मूल रूप से लेटिन के रि अर्थात् दोबारा और सर्च अर्थात खोजने से बना है। वैज्ञानिक पद्धति द्वारा ज्ञान प्राप्त करने का निरन्तर प्रयास ही शोध है। तत्पश्चात् डॉ0 आरिफ ने शोध की आवश्यकता, शोध या अनुसंधान का उद्देश्य, शोध को प्रेरित करने वाले प्रमुख तत्व, शोध का महत्व, शोध के प्रकार, शोध डिजाइन, शोध डिजाइन के प्रकार, विषयों का चयन जैसे बिंदुओं पर प्रकाश डाला। उन्होंने ललित कला में बी0एफ0ए0 और एम0एफ0ए0 को सर्वोत्तम बताया। उन्होंने यह भी कहा कि इन पाठ्यक्रमों को पूर्ण करने के उपरान्त नौकरी के अवसर प्राप्त करने में 100 प्रतिशत सफलता निश्चित है। साथ ही उन्होंने विद्यार्थियों के विभिन्न प्रश्नों के उत्तर देते हुए सेमिनार का समापन किया।
शिक्षकों ने बढ़ाया विद्यार्थियों का मनोबल
SRGC: सेमिनार के अन्त में ललित कला विभाग के निदेशक डॉ0 मनोज धीमान ने श्रीराम कॉलेज, ललित कला विभाग के विद्यार्थियों का मनोबल बढ़ाया और साथ ही डॉ0 मनोज धीमान ने डॉ0 मौ0 आरिफ को श्रीराम कॉलेज का प्रतीक चिन्ह भेंट कर आभार व्यक्त करते हुए कहा कि वे भविष्य में भी श्रीराम कॉलेज, ललित कला विभाग के विद्यार्थियों का मार्गदर्शन करते रहें। सेमिनार को सफल बनाने में ललित कला विभाग के निदेशक डॉ0 मनोज धीमान, विभागाध्यक्षा मीनाक्षी काकरान, प्रवक्ता रजनीकान्त, बिन्नू पुंडीर, अनु, रीना त्यागी, मयंक सैनी, अजीत कुमार, एवं शर्मिष्ठा का विशेष योगदान रहा।
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