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सचिन शर्मा, संवाददाता, नमस्कार भारत 

SRGC: श्री राम कॉलेज के कृषि विभाग द्वारा स्नातक कृषि के छात्रों ने मिलकर मशरूम की खेती करने का एक सरल उपाय निकाला। मशरूम की खेती करने के लिए श्रीराम कॉलेज के निदेशक डॉ. अशोक कुमार, कृषि विभाग के विभाध्यक्ष डॉ. नईम एवं डॉ सूरज कुमार सहायक अध्यापक के द्वारा छात्र एवं छात्राओ का मार्गदर्शन किया।

इस अवसर पर श्रीराम कॉलेज के निदेशक डॉ. अशोक कुमार ने बताया की हमें अपनी आय को बढ़ाने के लिए खेती को नवीन रूप देने के लिए रूफ खेती, गमला खेती, मछली पालन, मुर्गी पालन, पशु पालन एवं मशरूम उत्पादन पर जोर देने की आवश्यकता है। हमे बढ़ती हुई जनसंख्या को देखते हुए अनाज, सब्जी एवं फलो की पैदावार बढ़ाने के लिए नई तकनीकि अपनानी होंगी अन्यथा देश को एक संकट का सामना करना पद सकता है।

मशरूम की खेती अपने घर में खाली जगह पर आसानी से की जा सकती है: डॉ नईम

SRGC: इस अवसर पर कृषि विज्ञान विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ नईम ने बताया की हमारे देश में प्रति व्यक्ति की दर से सब्जी का उत्पादन काफी कम है तथा हमे सब्जी उत्पादन में बढ़ोतरी करने के लिए मशरूम की खेती पर ध्यान देना चाहिए। मशरूम खाने में स्वादिष्ट होने के साथ-साथ स्वास्थ्य के लिए बहुत ही उपयोगी है। इसमें प्रोटीन तथा उच्च गुणवत्ता के सूक्ष्म तत्व, विटामिन्स एवं एंटीऑक्सीडेंट भरपूर मात्रा में मिलते है। जो हमे रोगो से बचने का कार्य करते है। मशरूम की खेती बड़े सरल ढंग से अपने घर में खाली जगह में आसानी से की जा सकती है।

घर के कमरे के अंदर भी इस खेती को कर सकते है ओर अच्छी उपज या आय का स्रोत बना सकते है

SRGC: इस अवसर पर श्रीराम कॉलेज के कृषि विज्ञान विभाग के सहायक अध्यापक डॉ. सूरज कुमार ने बताया की हम अपने घर के कमरे के अंदर भी इस खेती को कर सकते है ओर अच्छी उपज या आय का स्रोत बना सकते है। खाने योग्य मशरूम की दो प्रजाति बटन मशरूम एवं मशरूम अत्यधिक प्रचलित है। इसके लिए सबसे पहले हमे भूसा, पुआल या कम्पोस्ट तथा स्पान (मशरूम का बीज) की आवश्यकता होती है। पहले हम भीगा हुआ भूसा, पुआल या कम्पोस्ट को कोई भी फफूंदीनाशक से उसमे उपश्थित फफूंदी को नष्ट कर देते है। १६ घंटे बाद पॉलीथिन में भरकर सपान की बुवाई कर दी जाती है। साफ सफाई का ज्यादा ध्यान रखना ओर कमरे में रोशनी नहीं होनी चाहिए। यह खेती लगभग ३० से ४० दिन में तैयार हो जाती है। इसकी कटाई के तुरंत बाद ही बाजार में बिक्री भेज देना चाहिए।   

मशरूम की खेती प्रस्तुतीकरण करते समय विभाग के डॉ. अंजलि जाखड़, डॉ. विक्रांत, डॉ. जीतेन्द्र, डॉ. अर्चना नेगी, आबिद, डॉ. राजकुमार, सचिन, मुकुल मोतला, आदि उपस्थित रहे।

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