संवाददाता : कुमार विवेक,  नमस्कार भारत

तुर्किए ने वो कर दिया है जो कई देश चाह कर भी नहीं कर सके है  । तुर्किए के इस आधुनिक लड़ाकू विमान ने बुधवार को पहली सफलतापूर्वक  उड़ान भरी। इसके साथ ही तुर्किए उन चुनिंदा देशों की लिस्ट में शामिल हो गया है, जिन्हें पांचवीं पीढ़ी के लड़ाकू विमान बनाने में सफलता मिली है।

तुर्किए ने पांचवीं पीढ़ी के लड़ाकू विमान को बनाने में सफलता हासिल कर ली है। तुर्किए के इस आधुनिक लड़ाकू विमान ने बुधवार को पहली सफल उड़ान भरी। इसके साथ ही तुर्किए उन बड़े देशों में शामिल हो गया है, जिन्हें पांचवीं पीढ़ी के लड़ाकू विमान बनाने में सफल हुए है।

2016 में की गई थी प्रोजेक्ट की शुरुवात

तुर्किए के इस लड़ाकू विमान का नाम KAAN है। तुर्किए ने साल 2016 में अपना खुद का फाइटर जेट बनाने के लिए TF-X प्रोजेक्ट की शुरुआत की थी। इसके लिए तुर्किए की एयरोस्पेस फर्म TUSAS ने ब्रिटेन की एक कंपनी BAE Systems के साथ मिलकर 125 मिलियन डॉलर की डील की थी। इस डील के तहत दोनों मिलकर अगली पीढ़ी के फाइटर  जेट बना रहे हैं। TUSAS के पांचवीं पीढ़ी के फाइटर जेट ने को उत्तरी अंकारा स्थित एयर बेस से सफल उड़ान भरी।

तुर्किए के डिफेंस इंडस्ट्रीज डायरेक्टोरेट के प्रमुख हालुक गोर्गुन ने सोशल मीडिया पर फाइटर जेट की उड़ान का वीडियो साझा किया है। इस वीडियो के साथ गोर्गुन ने लिखा कि ‘KAAN के साथ ही हमारे देश के पास न सिर्फ पांचवीं पीढ़ी के फाइटर जेट होंगे बल्कि हमारे पास वो तकनीक भी है, जो दुनिया के चुनिंदा देशों के पास ही है।

खुद का इंजन 2028 तक बनाएगा तुर्किए

तुर्किए के इन पांचवीं पीढ़ी के फाइटर जेट में जनरल इलेक्ट्रिक के एफ-110 इंजन का इस्तेमाल किया गया है। ये ही इंजन अमेरिका के चौथी पीढ़ी के लॉकहीड मार्टिन कंपनी के एफ-16 विमानों में भी लगे हैं। हालांकि तुर्किए के फाइटर जेट में स्टील्थ तकनीक का इस्तेमाल इसे पांचवी पीढ़ी का विमान बनाता है। तुर्किए की योजना है कि वे साल 2028 तक घर में ही बने इंजन का इस्तेमाल इन विमानों में करे। तुर्किए अपनी वायुसेना की क्षमताओं में लगातार इजाफा कर रहा है। हाल ही में तुर्किए ने अमेरिका के साथ 40 एफ-16 लड़ाकू विमानों की भी डील फाइनल की है। साथ ही तुर्किए के पास पहले से मौजूद एफ-16 विमानों का भी आधुनिकीकरण किया जाएगा।

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