संवाददाता: कुमार विवेक, नमस्कार भारत

पूरे देश में जहां चुनाव की तारीखों का ऐलान हो चुका है वही उत्तराखंड में एक तरफ कांग्रेस के विधायक, पूर्व विधायक समेत कई नेता कांग्रेस पार्टी छोड़कर जा रहे हैं, दूसरी तरफ अब तक दो सीटों हरिद्वार व नैनीताल सीट पर उम्मीद्दारो का चयन नहीं कर पाई है। ऐसे में कांग्रेस के सामने प्रत्याशियों के चयन से पहले ही कई मुश्किलें खड़ी हो गई हैं।

हरिद्वार व नैनीताल की सीट केसे मिलेगी

भाजपा ने पांचों लोकसभा सीटों हरिद्वार, नैनीताल, गढ़वाल, टिहरी, अल्मोड़ा पर प्रत्याशियों की घोषणा कर दी है। हरिद्वार सें त्रिवेंद्र रावत, नैनीताल से अजय भट्ट, गढ़वाल से अनिल बलूनी, टिहरी से माला राज्यलक्ष्मी शाह, अल्मोड़ा से अजय टम्टा को मैदान में उतारा है। जबकि कांग्रेस ने अब तक तीन सीटों टिहरी से जोत सिंह गुनसोला, गढ़वाल से गणेश गोदियाल, अल्मोड़ा से प्रदीप टम्टा को टिकट दिया है। हरिद्वार व नैनीताल में अब तक सहमति नहीं बन पाई है।

सबसे बड़ी चुनौती हरिद्वार सीट पर

इसकी वजह हरीश रावत को माना जा रहा है। कांग्रेसी सूत्रों का दावा है कि भारत जोड़ो न्याय यात्रा के समापन के बाद सोमवार को राहुल गांधी दिल्ली लौट रहे हैं। इसके बाद ही प्रत्याशी के नाम का ऐलान हो सकता है। ऐसे में आज या कल प्रत्याशी का ऐलान हो सकता है। कांग्रेस के लिए सबसे बड़ी चुनौती हरिद्वार सीट पर है।

पूर्व सीएम रावत अपने पुत्र के लिए टिकट मांग रहे

हरिद्वार सीट से पूर्व सीएम हरीश रावत अपने पुत्र वीरेंद्र रावत के लिए टिकट मांग रहे हैं। जबकि प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा भी यहां से चुनाव लड़ने के इच्छुक है। निर्दलीय विधायक उमेश शर्मा भी कांग्रेस के नेताओं से मुलाकात कर चुके हैं। ऐसे में हाईकमान को एक नाम पर मुहर लगाना आसान नहीं है।

नैनीताल सीट से इनकी चर्चा

नैनीताल सीट से नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य, भुवन कापड़ी, महेंद्र पाल, रणजीत रावत के नाम की चर्चा है। कांग्रेस पर एक से दो दिन में प्रत्याशी के नाम के ऐलान का दबाव बना हुआ है। 20 मार्च से नामांकन प्रकिया शुरू हो जाएगी। एक माह में मतदान भी होना है। ऐसे में कांग्रेस अपने कार्यकर्ताओं के उत्साह को कम नहीं होने देगी। जो कि पहले ही कई सीनियर के भाजपा में जाने से असर पड़ा है।

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