संवाददाता: सिद्धार्थ कुंवर, नमस्कार भारत
राजनीतिक कार्यकर्ता कन्हैया कुमार उत्तर पूर्वी दिल्ली निर्वाचन क्षेत्र से भाजपा सांसद मनोज तिवारी के खिलाफ आगामी लोकसभा चुनाव लड़ेंगे। कांग्रेस ने रविवार को उम्मीदवारों की एक नई सूची जारी की, जिसमें पंजाब, दिल्ली और उत्तर प्रदेश से 10 उम्मीदवारों के नाम शामिल हैं। पार्टी ने जेपी अग्रवाल को चांदनी चौक सीट से अपना उम्मीदवार बनाया है, जबकि पूर्व सांसद उदित राज को उत्तर पश्चिम दिल्ली-एससी सीट से मैदान में उतारा है। कन्हैया कुमार उत्तर पूर्वी दिल्ली निर्वाचन क्षेत्र से चुनावी मैदान में उतरेंगे।
भाजपा ने इस क्षेत्र से मनोज तिवारी को टिकट दिया है। जाने माने कलाकार मनोज तिवारी भी बिहार से हैं और कन्हैया कुमार का भी पैतृक घर बिहार में है। ऐसे में ये सवाल उठने लगे हैं कि क्या कन्हैया कुमार को मनोज तिवारी के खिलाफ चुनावी मैदान में उतारना कांग्रेस के लिए फायदे का सौदा होगा?
कन्हैया को टिकट मिलने से कांग्रेस के अभियान को मिलेगी मजबूती
ऐसा माना जा रहा है कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी भी चाहते थे कि कन्हैया कुमार चुनाव लड़ें। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार बिहार में कन्हैया कुमार को लोकसभा टिकट ना दे पाने के बाद कांग्रेस ने उन्हें उत्तर पूर्वी दिल्ली सीट का विकल्प दिया। कन्हैया जो फिलहाल कांग्रेस की छात्र इकाई एनएसयूआई के प्रभारी हैं अगर चुनाव में कामयाब रहे तो दिल्ली में कांग्रेस को एक बड़ा पूर्वांचली चेहरा मिल जाएगा। चुनावी ताल ठोकते हुए कन्हैया कुमार मोदी सरकार पर जमकर निशाना साधेंगे, इससे कांग्रेस के अभियान को मजबूती मिलेगी।
कन्हैया अपने भाषणों को लेकर युवाओं के बीच लोकप्रिय रहे हैं। इन सब के बीच आठ साल पहले जेएनयू में लगे देश विरोधी नारे और उत्तर पूर्वी दिल्ली में चार साल पहले हुए दंगे अगर लोकसभा चुनाव में मुद्दा बने तो कन्हैया कुमार का अपना प्रचार अभियान उलझ सकता है।
जेएनयू छात्र संघ के अध्यक्ष रह चुके हैं कन्हैया
कन्हैया कुमार जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष रहे हैं। उन्होंने पहली बार 2016 में विरोध प्रदर्शन के दौरान हलचल मचाई थी। उन्हें परिसर में “देश-विरोधी” नारे लगाने के लिए उस समय गिरफ्तार किया गया था (और बाद में रिहा कर दिया गया था)। उन्होंने 2019 में सीपीआई के टिकट पर बेगूसराय से लोकसभा चुनाव लड़ा था, लेकिन बीजेपी के गिरिराज सिंह से उन्हें हार मिली थी। कन्हैया कुमार ने सितंबर 2021 में कांग्रेस ज्वाइन कर ली।
‘कांग्रेस पार्टी में देश की सेना और संस्कृति का सम्मान करने वाला कोई नहीं है?’
कांग्रेस नेता कन्हैया कुमार की उत्तर पूर्वी दिल्ली से उनके खिलाफ उम्मीदवारी पर भाजपा सांसद मनोज तिवारी ने कहा, “मैं भाजपा उम्मीदवार के रूप में लोगों से मिल रहा हूं और अपने काम के आधार पर वोट मांग रहा हूं। किसी को (मेरे खिलाफ) आना ही था लेकिन कांग्रेस की मानसिकता ने आश्चर्यचकित कर दिया है। क्या कांग्रेस पार्टी में देश की सेना और संस्कृति का सम्मान करने वाला कोई नहीं है, जिसे वे टिकट दे सकें?… जो भी (उत्तर-पूर्वी दिल्ली) आएगा वह 40 दिन के दौरे पर है और वे हमारे क्षेत्र में हुए 14,600 करोड़ रुपये के काम को जरूर देखेंगे…”
आपको बता दे की, कांग्रेस और आम आदमी पार्टी – इंडिया ब्लॉक के दोनों सदस्य सीट-बंटवारे समझौते के तहत चुनाव लड़ रहे हैं। आप ने चार सीटों पर उम्मीदवार उतारे हैं जबकि कांग्रेस तीन लोकसभा क्षेत्रों पर चुनाव लड़ रही है। दिल्ली में 25 मई को मतदान होना है और वोटों की गिनती 4 जून को होगी।
दिल्ली में कौन किसके खिलाफ लड़ेगा चुनाव?
रविवार शाम को कांग्रेस द्वारा जारी उम्मीदवारों की ताजा सूची के अनुसार:
उत्तर पूर्वी दिल्ली में कन्हैया कुमार का मुकाबला मौजूदा सांसद और भोजपुरी गायक मनोज तिवारी से होगा।
जेपी अग्रवाल चांदनी चौक से बीजेपी उम्मीदवार प्रवीण खंडेलवाल के खिलाफ चुनाव लड़ेंगे। अनुभवी नेता ने इससे पहले 1984, 1989 और 1996 में इसी निर्वाचन क्षेत्र से जीत हासिल की थी। खंडेलवाल एक व्यवसायी हैं, जो कॉन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स के संस्थापक और महासचिव भी हैं।
उदित राज उत्तर-पश्चिम दिल्ली से योगेन्द्र चंदोलिया के खिलाफ चुनाव लड़ेंगे। उन्होंने इससे पहले 2014 में भाजपा उम्मीदवार के रूप में निर्वाचन क्षेत्र जीता था। भगवा पार्टी द्वारा टिकट नहीं दिए जाने के बाद राज 2019 में कांग्रेस में शामिल हो गए।