संवाददाता: प्रज्ञा मिश्र, नमस्कार भारत

गत शनिवार 20 अप्रैल 2024 को मुंबई महानगर स्थित जन सेवा मंडल, जी. एच. मलकानी पुस्तकालय, जुहू परिसर में। “द रूट्स” नामक संस्था ने कविता ओपन माइक मंच का १०वाँ सत्र सफलता पूर्वक आयोजित किया। कार्यक्रम में मुंबई के सुदूर क्षेत्रों से युवा कवि, शायर, लेखक, गीतकार, शिरकत करने आए।

‘द रूट्स ओपन माइक’, हर महीने के तीसरे शनिवार को जुहू में आयोजित किया जाता है, इसमें नए पुराने कवियों, शायरों और लेखकों को एक नि:शुल्क मंच दिया जाता है।

भारतीय संस्कारों से ओत-प्रोत, वसुधैव कुटुंबकम् के आदर्श का प्रतिपादन करते “द रूट्स” के आयोजनों में साहित्य, कला, संगीत के माध्यम से भारतीय संस्कृति का सुंदर समावेश मिलता है।  जैसा कि द रूट्स संस्था के नाम से विदित है यह आयोजन हमारे जड़ों से जुड़ने की मुहिम है।

फूहड़ ओपन माइक्स और अश्लील स्टैंडअप्स के इस दौर में ‘द रूट्स ओपन माइक’, माटी के मूल्यों, हमारे संस्कारों और भारतीयता की जड़ों से जुड़ी रचनाओं और कलाओं को प्रोत्साहन देते हैं तथा एक संस्कारित समाज और सुसंस्कृत राष्ट्र के निर्माण हेतु रचनाकारों का आह्वान करते हैं।

द रूट संस्था का ध्येय वाक्य:  जुड़ें जड़ों से

संस्था की नींव, कवि, लेखक, गीतकार ऋषि उपाध्याय एवं सुप्रसिद्ध वॉइस ओवर कलाकर, अभिनेता एवं कवि अरुण शेखर द्वारा डाली गई।

जून 2023 से शुरू होकर आगे बढ़ता हुआ, “द रूट्स” का मंच एक उज्जवल भविष्य में सबको साथ लेकर चल रहा है। हाल ही में इसका एक नये सत्र का आयोजन कीर्ति कॉलेज, दादर में भी संपन्न हुआ।

कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि अभिनेत्री आलेया घोष, संस्कार भारती कोंकण प्रांत एवं द रूट्स के प्रमुख कार्यकर्ताओं द्वारा दीप प्रज्वलित कर के किया गया।

संस्कार भारती के सदस्य चेतन बिंदवाल द्वारा देशभक्ति गीत  प्रस्तुत किया गया। इस आह्वान के साथ कि दीप के प्रकाश के तले कार्यक्रम सदैव सुचारू रूप से चले संस्कृति और प्रकृति से प्रेम व्यक्त करते हुए  मुख्य अतिथि को ऋषि उपाध्याय द्वारा तुलसी दल से सम्मानित किया गया।

“इश्क़ की दास्तान नागमणि” टेलीविजन शो एवं दंगल टी वी की अदाकारा आलेया घोष ने रंगमंच की महत्ता पर बल दिया। कम उम्र में ऊंची सफलता पा चुकी आलेया ने बताया कि उन्हें योग और लेखन से अपने जीवन में संतुलन उत्पन्न करने में मदद मिलती है। साथ ही उन्होंने सभी प्रतिभागियों की भूरि भूरि प्रशंसा करते हुए मनोबल बढ़ाया।

निर्मल हास्य, व्यंग्य और उम्दा शायरी के साथ कार्यक्रम का मनोरंजक संचालन प्रसिद्ध एक्टर, एंकर एवं सोशल मीडिया इनफ्लुएंसर कल्याणी ने किया।

संध्या की सबसे पहली प्रस्तुति शायर दीपक शर्मा की रही जिन्होंने “ये आइने के उस पार कौन है” के मिसरे से शाम की शुरआत की। कवियत्री उर्मिला की प्यार मोहब्बत की कविताओं से चमत्कार उत्पन्न करती पंक्तियां झलकीं।

कवि आदित्य मेहता ने रंगों के ऊपर लिखे अंग्रेज़ी काव्य “बी ऑरेंज” का पाठ किया। नीलेश नाग की उम्दा शायरी ने समां बांधा। कल्याण से कीर्ति कॉलेज की छात्रा प्रिया ने निर्मल हास्य की प्रस्तुति के साथ स्वरचित मां कविता का पाठ किया। कवियत्री श्रद्धा शुक्ला द्वारा गीत “ये कथन सत्य है, हम सभी के लिए, वक्त रुकता नहीं है किसी के लिए” विषय और प्रस्तुति के लिए सराहा गया। वीर रस के कवि और रंगमंच कलाकार आलोक शुक्ला द्वारा कृष्ण और अर्जुन  संवाद पर आधारित रचना “मोहभंग” का प्रभावशाली पाठ किया गया जिसने दर्शकों पर अमिट छाप छोड़ी और प्रस्तुति तालियों की गड़गड़ाहट से काफ़ी देर तक सराही गई। बातचीत में आलोक शुक्ला ने बताया वे अपनी रचनाओं को याद करने के लिए एक महीने तक अभ्यास करते हैं। कवियत्री प्रज्ञा मिश्र ने कविता “प्रकृति की आशा” का पाठ किया। नेपाल के मूल निवासी सुषेण द्वारा राजनैतिक व्यवस्था और प्रशासन की विद्रूपताओं पर व्यंग्यात्मक प्रस्तुति दी गई।

कवि, शायर विक्रांत तिवारी ‘राणा’ ने सुंदर कृष्ण पाठ किया जिसकी कुछ पंक्तियां इस प्रकार हैं, “एक प्रिय तुझी से है मोहन, जग तो सारा झूठा है, फिर जीने का क्या मतलब, गर तू भी मुझसे रूठा है”। ज़ाकवान शेख और विनीत विजय की दमदार शायरी ने खूब वाह-वाही अर्जित की।

कवियत्री मंजू शर्मा द्वारा राम-कृष्ण पौराणिक भक्ति परंपरा आधारित स्वरचित गीत की प्रस्तुति दी गई। कवि शायर रीतेश खरे ‘सब्र’ ने प्रकाशित साझा संग्रह ‘काव्य विस्तार’ से कविता “पूछ ले मुझसे कुछ सवाल” का प्रभावशाली पाठ किया। प्रतीक तोतड़े, नागेंद्र मिश्र की रचनाओं ने शाम के सांस्कृतिक रंग में मिठास घोली। चंबल निवासी आशीष भदौरिया जी ने “वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप जी” पर बेहतरीन काव्य पाठ किया।

खुशबू त्रिपाठी की गीत प्रस्तुति बेहद शानदार रही। संस्था से जुड़े, लाइफ़ कोच एवं विचारक आकाश शुक्ला की उम्दा शायरी सराही गई।

द रूट्स के संथापक सदस्य ऋषि उपाध्याय की ग़ज़ल ” इश्क छुपाने की चीज़ नहीं है” ने समां बांधा, साथ ही बेहतरीन प्रेम गीत के साथ उन्होंने उपस्थित सभी का मन मोह लिया।

संस्थापक सदस्य एवं अभिनेता अरुण शेखर ने आगामी नाटक “गोविंदा” से राधा-कृष्ण संवाद आधारित कविताएं प्रस्तुत की और दुनिया भर में चल रहे युद्ध भरे माहौल के लिए राधा के महत्त्व पर बल दिया “जहां युद्ध में कृष्ण जाते हैं, वहां राधा नहीं होती, राधा होती तो युद्ध नहीं होता”। 

Ventriloquist श्रीकांत अपनी पेटबोला कला प्रस्तुति के लिए इस आयोजन का मुख्य आकर्षण रहे

प्रस्तोताओं के अलावा कार्यकर्ता टोली में तन्मय जहागीरदार , सुधीर सेठ, प्रफुल्ल ओंकार, चेतन, धर्मेंद्र गौड़ (कैमरा सेवा), जगदीश निषाद प्रमुख नाम हैं। संरक्षक मंडल में अरुण शेखर, योगेश कुलकर्णी, श्री हरि कुलकर्णी, संजय गोडसे, उदय शेवड़े, श्रवण मिश्रा, संदीप पाटिल, अजीत गौंड प्रमुख नाम हैं। जन सेवा मंडल से सहयोग रूप में कार्यक्रम स्थल प्रदान किया गया। कार्यक्रम का समापन प्रज्ञा मिश्र द्वारा धन्यवाद ज्ञापन से किया गया।

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