संवाददाता: राहुल चौधरी, नमस्कार भारत

Nikhil Gupta: खालिस्तानी आतंकवादी गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की साजिश रचने के आरोपी भारतीय नागरिक निखिल गुप्ता ने न्यूयॉर्क की एक संघीय अदालत में अपने आप को निर्दोष बताया है। जबकि, अटॉर्नी जनरल मेरिक गारलैंड ने कहा है, कि अमेरिका अपने किसी भी नागरिक को नुकसान पहुंचाना बर्दाश्त नहीं करेगा, वह भी अमेरिकी धरती पर।

Nikhil Gupta: उन्होंने कहा, कि निखिल को अब अमेरिकी अदालत में सत्य का सामना करना पड़ेगा। 53 साल के निखिल गुप्ता, जिन्हें निक नाम से भी जाना जाता है, उन्हें 30 जून 2023 को चेक रिपब्लिक में गिरफ्तार किया गया था और उन्हें 14 जून को अमेरिकी सरकार के अनुरोध पर अमेरिका प्रत्यर्पित किया गया है। निखिल गुप्ता के वकील जेफरी चैब्रोवे ने कहा, कि निखिल ने खुद को बेकसूर बताया है, जिसके बाद गारलैंड ने सोमवार को कहा, “इस प्रत्यर्पण से यह स्पष्ट हो जाता है, कि जस्टिस डिपार्टमेंट अमेरिकी नागरिकों को चुप कराने या उन्हें नुकसान पहुंचाने के प्रयासों को बर्दाश्त नहीं करेगा।”

Nikhil Gupta: निखिल गुप्ता पर भाड़े पर हत्या और भाड़े पर हत्या की साजिश रचने का आरोप है। अगर वह दोषी पाए जाते हैं, तो उन्हें प्रत्येक आरोप के लिए अधिकतम 10 साल की जेल की सजा हो सकती है।

उप अटॉर्नी जनरल लिसा मोनाको ने कहा, कि न्यूयॉर्क शहर में एक अमेरिकी नागरिक की हत्या के लिए कथित तौर पर एक भारतीय सरकारी कर्मचारी द्वारा रची गई यह हत्या की साजिश, एक राजनीतिक कार्यकर्ता को उसके एक सर्वोत्कृष्ट अमेरिकी अधिकार – अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता – का प्रयोग करने से चुप कराने का एक बेशर्म प्रयास था।

उन्होंने कहा, कि “आरोपी का प्रत्यर्पण न्याय की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।”

इस बीच, अमेरिका के संघीय जांच ब्यूरो (FBI) के प्रमुख क्रिस्टोफर रे ने भी इसी तरह कहा, कि एजेंसी किसी भी विदेशी नागरिक या किसी अन्य व्यक्ति द्वारा अपने नागरिकों के संवैधानिक अधिकारों का हनन करने को बर्दाश्त नहीं करेगी।

उन्होंने कहा, “हम अपने नागरिकों और इन पवित्र अधिकारों की रक्षा के लिए देश और विदेश में अपने साझेदारों के साथ मिलकर काम करना जारी रखेंगे। अदालती दस्तावेजों में आरोप लगाया गया है, कि पिछले साल, एक भारतीय सरकारी कर्मचारी (सीसी-1) ने कथित तौर पर निखिल गुप्ता को खालिस्तानी लीडर गुरपतवंत सिंह पन्नून, जिसे भारत एक आतंकवादी मानता है, उसकी हत्या के आदेश दिए थे। पन्नून लगातार अमेरिका में खालिस्तानी गतिविधियों को आगे बढ़ा रहा है और वो ‘सिख फॉर जस्टिस’ का प्रमुख है।

अमेरिका का आरोप है, कि निखिल गुप्ता ने भारतीय अधिकारी से आदेश मिलने के बाद अमेरिका के एक शूटर को पन्नून की हत्या की सुपारी दी थी। ये सुपारी एक लाख डॉलर की थी, लेकिन जिस शख्स को सुपारी दी गई, वो CIA का एजेंट था।

ऐसा माना जाता है, कि अमेरिका जान-बूझकर खालिस्तान आंदोलन को बढ़ावा दे रहा है, ताकि भारत को उलझाकर रखा जा सके और पन्नून जैसे आतंकवादियों को CIA का गहरा समर्थन हासिल है। पिछले 2-3 सालों में अमेरिका, कनाडा और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों में खालिस्तानियों की गतिविधियां काफी बढ़ गई हैं और दर्जनों मंदिरों पर हमले किए गये हैं, लेकिन इन तीनों ही देशों में एक भी खालिस्तानी शख्स को गिरफ्तार नहीं किया गया है, जबकि इन तीनों देश का दावा है, कि उनकी खुफिया एजेंसी काफी ज्यादा ताकतवर है ।

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