संवाददाता : राहुल चौधरी , नमस्कार भारत
आप को बता दे कि पहले से ही पाकिस्तान भूखमरी से जूझते हुए जैसे–तैसे तो चुनाव तो करा लिया और शाहबाज शरीफ की अगवाई में नई सरकार भी बना ली। लेकिन पाकिस्तान का हालत वैसे ही है, जैसे पहले था ।
हमारे पड़ोसी देश पाकिस्तान का खराब हालात होते ही ,भीख मांगने का प्लान बना लिया है। नई सरकार बनी तब भी पाकिस्तान का हालत सुधरे नहीं हैं। आपको बता दे की कुछ महीने पहले ही पाक ने अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) से 3 अरब डॉलर का कर्ज लिया था , जो अभी मन्नते और मान– मनौव्वल के बाद उसे मिला था.
एक और कर्ज चुकाने के लिए पाकिस्तान ने दूसरा कर्ज लेने के लिए प्लान तैयारी कर ली है। पाकिस्तान के एक अधिकारी ने बताया है कि इस बार IMF से 6 अरब डॉलर ( करीब 50 हजार करोड़ रूपये) का कर्ज मांगने कि प्लानिंग है. इस पेज का इस्तेमाल पाकिस्तान अपने कर चुकाने में करेगा।
पाकिस्तान को कैसे मिलेगा यह कर्ज
हर आपदा स्थिति में किसी भी देश को IMF से फंड लेने की सुविधा है. पाकिस्तान इसी नियम के तहत खुद को मिलने वाले कर्ज रकम बढ़ाने को नहाने बढ़ाने की जुगत में है। पाकिस्तान का एक अधिकारी का कहना है कि मार्च या अप्रैल में IMF के साथ पैसे का बातचीत शुरू की जाएगी . पाकिस्तान को इस बात का उम्मीद है कि पाक में बनी नई सरकार की गुहार पर IMF उसकी मांग सुनी जाएगी कर उसकी जरूरतों को पूरा किया जायेगा।
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पाक को इस साल चुकाने हैं 25 अरब डॉलर
पाकिस्तान इसी वर्ष में जुलाई तक 25 अरब डॉलर चुकाने हैं, जो पाक के कुल विदेशी पूंजी भंडार का 3 गुना है. आपको बता दे कि इस तरह का कर्ज किसी भी देश को महज 3 से 4 साल के लिए दिया जाता है और उस कर्ज को 4.5 साल से लेकर 12 साल के भीतर चुकाने होता है. जानकारी के लिए बता दें कि ग्लोबल निवेशक भी चुनाव के बाद पाकिस्तान के हालात पर करीबी नजर बनाए हुए हैं। पाकिस्तान को अप्रैल तक करीब 1 अरब डॉलर कर्ज चुकाना है. ग्लोबल रेटिंग एजेंसी के तरफ से कहा गया है कि अगर पाकिस्तान कर्ज का भुगतान करने में चूक जाता है तो उसे अगला लोन मिलना मुश्किल हो जायेगा ।
आजादी के बाद 23 बेलआउट पैकेज
पाकिस्तान ने आजादी के बाद से अब तक 23 बेलआउट पैकेज लिए हैं. ये सभी पैकेज IMF से ही लिए गए हैं. बेलआउट पैकेज का मतलब है कि अपने खर्चों और बकाए को चुकाने के लिए आपात फंड लेना. दुनिया में अब तक किसी भी देश की ओर से लिया गया यह सबसे ज्यादा बेलआउट पैकेज है. 23 से ज्यादा पैकेज अभी तक किसी भी देश ने नहीं लिया है।