Turkey gave a big blow to Israel amid Gaza war

संवाददाता: सिद्धार्थ कुंवर, नमस्कार भारत

Turkey-Israel News: गाजा में इजरायल की सैन्य कार्रवाई के जवाब में तुर्की ने एक एकतरफा कूटनीतिक कदम उठाते हुए इजराइल के साथ सभी तरह के कारोबार पर रोक लगा दी है।
गुरुवार को तुर्की सरकार ने इजराइल के साथ सभी तरह के आयात और निर्यात को सस्पेंड करने की घोषणा की है। तुर्की व्यापार मंत्रालय के इस फैसले का मकसद, गाजा को मानवीय सहायता के निर्बाध प्रवाह की अनुमति देने के लिए इजरायली सरकार पर दबाव डालना है।

तुर्की ने इजराइल के साथ ट्रेड पर लगाया रोक

तुर्की व्यापार मंत्रालय के एक बयान के मुताबिक, व्यापार समझौते को सस्पेंड करने में सभी तरह के प्रोडक्ट्स शामिल हैं और यह तब तक प्रभावी रहेगा, जब तक इजराइल, गाजा पट्टी में निर्बाध मानवीय पहुंच जाने की इजाजत देने के साथ – साथ तमाम जरूरी शर्तों को पूरा नहीं कर लेता है। इसके अलावा, तुर्की के अधिकारियों ने फिलिस्तीनी अधिकारियों के साथ मिलकर काम करने का वादा किया है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि निलंबन का फिलिस्तीनी लोगों पर प्रतिकूल प्रभाव न पड़े। व्यापार मंत्रालय ने इस कदम को इजराइल के खिलाफ उठाए गये कदमों का “दूसरा चरण” बताया है, जो गाजा में मानवीय स्थिति को संबोधित करने के लिए तुर्की की प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है।

पिछले महीने, इजरायल की सैन्य कार्रवाइयों की मुखर आलोचना के लिए जाने वाले तुर्की ने इजरायल को 54 प्रकार के उत्पादों के निर्यात पर प्रतिबंध लगाकर कड़ा रुख अपनाया था। इन प्रतिबंधों में स्टील, एल्यूमीनियम, स्टील निर्माण उत्पाद और रासायनिक उर्वरक जैसी वस्तुएं शामिल थीं। इसके जवाब में, इजराइल ने भी कई तरह के व्यापार रोक दिए। इजराइल के विदेश मंत्री, इजराइल काट्ज़ ने तुर्की पर तुर्की के बंदरगाहों से इजरायल के आयात और निर्यात में बाधा डालने का आरोप लगाया है। यह आदान-प्रदान गाजा की स्थिति पर दोनों देशों के बीच बढ़ते तनाव पर प्रकाश डालता है।

तुर्की और इजराइल के बीच व्यापार तनाव

इजराइल काट्ज़ ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, कि तुर्की के राष्ट्रपति रेचेप तैय्यप अर्दोआन “इजरायल के आयात और निर्यात के लिए बंदरगाहों को ब्लॉक करके समझौतों को तोड़ रहे हैं।” तुर्की, स्थानीय उत्पादन और अन्य देशों से आयात पर ध्यान केंद्रित कर रहा है। मार्च में स्थानीय चुनावों में बड़ा झटका झेलने वाले तुर्की के राष्ट्रपति अर्दोआन को इजराइल के साथ व्यापार रोकने के लिए घरेलू स्तर पर तीव्र दबाव का सामना करना पड़ रहा है। अर्दोआने ने अपने शासनकाल में तुर्की की एक बड़ी आबादी को कट्टर इस्लामिक बना दिया है और वो अब उनके ऊपर इजराइली सरकार के खिलाफ कड़े कदम उठाने की मांग कर रहे हैं और ऐसा नहीं करने पर स्थानीय चुनावों में वोट नहीं देकर अपना विरोध भी जता चुके हैं।

इजराइल के खिलाफ क्या है तुर्की का रवैया?

आपको बता दें, कि तुर्की ने 1949 में इजराइल को मान्यता दी थी। अर्दोआन के शासन के तहत, दोनों देशों के बीच तनाव कम हो गया है। लेकिन, गाजा में सैन्य हमले के बाद तुर्की के राष्ट्रपति ने इजराइल की जमकर आलोचना की है और उस पर युद्ध अपराध और नरसंहार करने का आरोप लगाया है। उन्होंने हमास को स्वतंत्रता सेनानियों का संगठन बताया है, जिसे अमेरिका, इजराइल और यूरोपीय संघ ने आतंकवादी संगठन ठहराया हुआ है। इस हफ्ते तुर्की के विदेश मंत्री हाकन फ़िदान ने कहा था, कि तुर्की ने अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय में इज़राइल के खिलाफ दक्षिण अफ्रीका द्वारा दायर कानूनी मामले में शामिल होने का फैसला किया है और जल्द ही मामले में हस्तक्षेप करने के लिए एक औपचारिक अनुरोध प्रस्तुत करेगा। दक्षिण अफ्रीका ने ICJ में एक मामला दायर कर इजराइल पर गाजा में नरसंहार करने का आरोप लगाया है। लेकिन, इजराइल इस बात से इनकार करता है, कि गाजा में उसका सैन्य अभियान, नरसंहार कन्वेंशन का उल्लंघन है।


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